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विशेषज्ञता:
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अंग्रेजी से हिंदी - मूल्य : 0.12 - 0.30 USD प्रति शब्द
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पोर्टफ़ोलियो
जमा किए गए नमूने के अनुवाद: 2
अंग्रेजी से हिंदी: One and Ten General field: अन्य Detailed field: काव्य और साहित्य
स्रोत पाठ - अंग्रेजी One and Ten
Chan Master Longtan Chongxin was a native of Hunan Province. Before becoming a monk, he
was extremely poor. Next to Chan Master Tianhuang Daowu's temple, he set up a stand selling cakes. He
did not even have a place to live. Chan Master Daowu took pity on his destitution, and gave him a small
room in the temple to reside in. To show his gratitude, Chongxin sent ten cakes to Chan Master Daowu
every day. After receiving them, Chan Master Daowu would always have his attendant take one to give
back to Chongxin. One day, Chongxin finally protested to Chan Master Daowu, "The cakes are my gift to
you. How can you return one to me each day? What is the meaning of this?"
Chan Master Tianhuang Daowu explained gently, "If you can give me ten every day, why can't I
return one to you every day?"
Unconvinced, Chongxin countered, "Since I can give ten to you, why would I care to have you
return one to me?"
Daowu roared with laughter and said, "Are you complaining that one is too few? If I haven't complained
that ten is too many, how can you still complain that one is too few?"
After Chongxin heard this, he seemed to have an awakening. He then resolutely requested Chan
Master Daowu to tonsure him and allow him to become a monk.
Chan Master Daowu said, "One gives rise to ten, ten gives rise to a hundred, and can even give rise
to millions. All dharmas originate from one."
Chongxin confidently answered, "One gives rise to all dharmas; all dharmas are one."
Chan Master Daowu tonsured him. Afterwards, he settled in Longtan, building a small hut to live
in. He came to be known as Chan Master Longtan Chongxin.
This gongan completely shows the oneness of self and other, and the Chan mind in which there is
no duality between subject and object. Chan Master Tianhuang Daowu's house-by allowing Chan
Master
Longtan Chongxin to go live in it, this demonstrated that what is mine is yours. Chan Master Longtan
Chongxin's cakes-after Chan Master Tianhuang Daowu accepted them and then returned one to Chan
Master Longtan Chongxin, this demonstrated that what is yours is mine. Of course, at the time, the
great
pains taken by Chan Master Tianhuang Daowu could not be understood by an ordinary person who
sold
cakes. However, constantly interacting like this finally triggered Chongxin's epiphany. From
contemplating
this ball of doubt to directly debating, Longtan Chongxin ultimately awakened to the non-duality of
many and few, the non-duality of you and me, the non-duality of mind and matter, and the non-duality
of
with and without. It turns out the myriad things in the universe, with their numerous differences, are all
one Chan mind.
अनुवाद - हिंदी एक और दस
चान मास्टर लोंग्तान चोंग्क्सीं हुनान प्रांत का एक स्थानीय निवासी था. भिक्षु बनने से पहले, वह अत्यंत गरीब था. चान मास्टर तिंहुंग दओवु के मंदिर के निकट उसने केक बेचने के लिए एक स्टैंड स्थापित किया। उनके पास रहने के लिए जगह नहीं थी। चान मास्टर दओवु ने उनकी बेकसी पर दया की, और उन्हें रहने के लिए मंदिर में एक छोटा सा कमरा दे दिया।
अपनी कृतज्ञता दिखाने के लिए चोंग्क्सीं चान मास्टर दओवु को हर दिन दस दस केक भेजा करता था। उन्हें प्राप्त करने के बाद, चान मास्टर दओवु हमेशा अपने परिचर से एक केक चोंग्क्सीं को वापस भेज देते थे। अंत में एक दिन, चोंग्क्सीं ने चान मास्टर दओवु के सामने विरोध प्रकट किया, "ये केक मेरी तरफ से आप को उपहार हैं आप कैसे हर दिन एक केक मुझे वापस कर सकते हैं? इस का क्या अर्थ है?" चान मास्टर तिंहुंग दओवु ने धीरे से समझाया, "अगर आप मुझे हर दिन दस दे सकते हैं, तो मैं हर दिन आप को एक वापस क्यों नहीं कर सकता?"
असहमत, चोंग्क्सीं ने विरोध किया, "चूँकि मैं आप को दस दे सकता हूँ, फिर एक वापस पाने की मै परवाह क्यों करूँगा?"
दओवु ठहाका मार कर हँस पड़े और कहा, "क्या आप यह शिकायत करना चाहते हैं कि एक बहुत कम है? अगर मैं यह शिकायत नहीं कर रहा हूँ कि दस बहुत अधिक है तो आप कैसे शिकायत कर सकते है कि एक बहुत कम है?"
चोंग्क्सीं ने जैसे ही यह सुना उनको ज्ञान का बोध हो गया। इसके बाद उन्होंने चान मास्टर दओवु से दृढ़तापूर्वक उसका मुंडन कराने और एक भिक्षु बनने की अनुमति देने का अनुरोध किया। चान मास्टर दओवु ने कहा, “एक दस को जन्म देता है दस एक सौ को जन्म देता है यहाँ तक कि लाखों को जन्म दे सकता है, सभी धर्म एक से ही उत्पन्न होते हैं।” चोंग्क्सीं ने पूरे आत्मविश्वास से कहा, “सभी धर्म एक से ही उत्पन्न हुए हैं, सभी धर्म एक ही हैं।”
चान मास्टर दओवु ने उनका मुंडन कराया। इसके बाद वह लोंग्तान में एक छोटी सी कुटिया बना कर रहने लगे। वह चान मास्टर लोंग्तान चोंग्क्सीं के नाम से जाने जाने लगे।
यह गोन्गन पूरी तरह से खुद और दूसरों के बीच अद्वैत और चान के मन को दर्शाता है जिसमें कर्ता और कर्म के बीच कोई द्वंद्व नहीं होता है। चान मास्टर तिंहुंग दओवु ने अपने घर में चैन मास्टर लोंग्तान चोंग्क्सीं को रहने की इजाजत दी, यह दिखाता है कि जो मेरा है वह तुम्हारा भी है। चान मास्टर तिंहुंग दओवु, चान मास्टर लोंग्तान चोंग्क्सीं द्वारा भेजा गया केक स्वीकार करते हैं और फिर एक केक चान मास्टर लोंग्तान चोंग्क्सीं को लौटाकर यह दर्शाते हैं कि जो तुम्हारा है वो मेरा भी है। बेशक, उस समय, चान मास्टर तिंहुंग दओवु को होने वाली महान पीड़ा को केक बेचने वाला एक साधारण व्यक्ति नहीं समझ सकता। हालांकि, इस तरह के लगातार बातचीत से अंत में चोंग्क्सीं का बोध/ जागृति प्रेरित हो गई। संदेह की इस गाँठ पर सीधी बहस कर के मास्टर लोंग्तान चोंग्क्सीं ने अंततः, बहुत और थोड़े के अद्वैत, तुम और मैं के अद्वैत, मन और पदार्थ के अद्वैत और साथ और बिना साथ के अद्वैत को समझा लिया। इससे ब्रह्मांड की असंख्य बातें उनकी कई विभिन्नताओं के साथ पता चलीं, कि सब कुछ एक ही चान मन (परमात्मा) है।
अंग्रेजी से हिंदी: The Moon Cannot Be Stolen
स्रोत पाठ - अंग्रेजी The Moon Cannot Be Stolen
When he was not propagating the Dharma, Zen Master Ryokan usually lived in a plain and crude thatched hut at the foot of a mountain. His life was very simple. One night, as he was returning from teaching the sutras, he bumped into a thief who was in his grass hut. When the thief saw that the Zen Master2
had returned, he panicked, not knowing what to do.
Ryokan kindly said to the empty-handed thief, "Can't find anything to steal? I think you made this trip in vain. How about this? The clothes I'm wearing, just take them.
The thief snatched the clothes and fled. Zen Master Ryokan, standing naked in the moonlight, watched the retreating figure of the thief and sighed with infinite regret, "It's a pity I can't give him this beautiful moon!"
The "beautiful moon" symbolizes our intrinsic nature. In one's intrinsic nature, every person has an unlimited treasure. If we could recognize the treasure within us, why would we need to steal things from others? Zen Master Ryokan's regret over not being able to give others the beautiful moon tells the sentient beings of the world that everyone has the most precious treasure-our Buddha nature. Why should we degrade ourselves by becoming thieves?
अनुवाद - हिंदी चाँद को चुराया नहीं जा सकता
जब उन्होंने धर्म प्रचार करना शुरू नहीं किया था, ज़ेन मास्टर रयोकन आमतौर पर एक पहाड़ की तलहटी में स्थित एक मैदान में कच्ची फूस की झोपड़ी में रहते थे। उनका जीवन बहुत साधारण था। एक रात, जब वह धर्मसूत्र पढ़ाकर वापस लौटे, तो अपनी फूस की झोपड़ी में एक चोर से टकरा गए, जो झोपड़ी में घुसा हुआ था। जब चोर ने देखा कि ज़ेन मास्टर२ लौट आये हैं तो उसे कुछ नहीं सूझा और वह भागने लगा।
रयोकन ने खाली हाथ भागते चोर से नम्रता के साथ कहा, “क्या तुमको चुराने के लिए कुछ नहीं मिला? मुझे लगता है कि तुम्हारा यह प्रयास बेकार चला गया। जो कपड़े मैंने पहन रखे हैं वे कैसे हैं? अगर तुम उनको ले लो तो कैसा रहेगा?” चोर ने कपड़े छीन लिए और भाग गया। ज़ेन मास्टर रयोकन, चांदनी में नग्न खड़े दूर जाते चोर की परछाई देखते रहे और बड़े अफ़सोस के साथ फुसफुसाए, "यह बड़े अफ़सोस की बात है, मैं उसे यह खूबसूरत चाँद नहीं दे सकता!"
"सुंदर चाँद" हमारे आंतरिक प्रकृति का प्रतीक है। हर किसी के आंतरिक स्वभाव में, हर व्यक्ति के पास एक असीमित खजाना मौजूद होता है। यदि हम अपने भीतर के खजाने को पहचान सकें तो, हमें दूसरों की चीजें चोरी करने की क्या जरूरत होगी? ज़ेन मास्टर रयोकन दूसरों को सुंदर चाँद देने में सक्षम नहीं होने पर अफ़सोस कर रहे हैं दुनिया का एक संवेदनशील प्राणी कहता है कि हर किसी के पास सबसे कीमती खजाना उसकी बुद्ध प्रकृति है। हम अपने आप को चोर बनने के स्तर तक नीचे क्यों गिराते हैं?
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अनुवाद शिक्षण
Bachelor's degree - DDU
अनुभव
अनुवाद में अनुभव के वर्ष: 12। प्रोज़.कॉम में पंजीकरण: May 2014।
Name : Gyanendra Ojha
Date of Birth : 22.07.1973,
Native Language : Hindi
Address : RC 167, Anil Vihar, Khora Colony, Noida
Mobile No. : 9650263993
E-mail ID : [email protected]
Skype ID : gyanendraojha
Facebook ID: gojha
You may see my online Translators frofile on:
1. http://www.translatorscafe.com/cafe/member222651.htm
2. http://www.proz.com/profile/1923097
Domain of expertise : marketing, pharmaceutical & SOPs
Educational Background :
• High School St. Andrew’s Inter collage Gorakhpur (U.P. Board) with Science in 1988.
• Intermediate Govt. Jubilee Intermediate collage Gorakhpur, (U.P. Board) with Biology in 1990.
• Graduation DDU University Gorakhpur, UP With Hindi, and History in 1996.
Experience :
Article writing in various Hindi Local Magazines Such as Ahwan Campus Times, Bigul Monthly,
Writing on Political & Social Subjects
Translation related work experiences:
• Proof reading project done success fully Language Scientific USA (Medical English to Hindi Translation)
• Have handle Translations task done with Bolster India Translation.
• Doing Regular Translation job since March 2012 with various local Translation job work providers at Delhi, Mumbai and Chennai.
• Have Translated many books on Income Tax, Road transport industry, Buddhist mythology, legal documents, marketing and sales, Education methodology and many more topics.
• Feature and press release writing in local news papers.
• Presently working as Freelance translator in pair English to Hindi
6 Experience of-
(1) Typing in Hindi in Unicode Mangal Font & English in MS Word, Power-point & Excel
(2) Proofreading
7 My capacity of translation per day is 1500-2000 words
8 My best rate is the rate which you pay to others for similar job
9 Some of the Institutions, Translation Agencies with whom I have worked as freelance translator are :
(1) Language Scientific USA,
(2) Bolster India Translation,
(3) Avenue Digitals, Andheri East, Mumbai,
(4) Cosmic Global, Nungambakkam High Road, Chennai
(5) LinguaInfo Translation, Dwarka Morh, New Delhi,
(6) Languages Connect, Vikaspuri, Delhi,
(7) Creative Miracles Translations Pvt. Ltd. Thane (w),
s/d (Gyanendra Ojha)
कुंजी-शब्द: english, hindi,
पिछली बार इस तिथि को प्रोफ़ाइल का अद्यतन हुआ Dec 4, 2021